DAP UREA New Price: किसी भी देश के लिए किसान बहुत जरूरी होता है क्योंकि खाने के लिए अनाज की पैदावार किसान ही करते हैं ओर खासकर भारत मैं किसान भाइयों को अन्नदाता माना जाता है। देश में किसान ही एकमात्र ऐसा व्यक्ति है जो अनाज पैदा करके हर भूखे पेट को भरता है। केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक किसानों के लिए कई तरह की लाभकारी योजनाएं चलाई जाती हैं. ताकि किसानों को कृषि में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
ओर यह समय तो किसानों की रवि फसल की बोवनी का चल रहा ओर हमारे किसान भाइयों के लिए रवी की फसल की बोवनी का समय बहुत ही कीमती होता है अगर इस समय उनसे किसी भी प्रकार की चूक होती है तो वह पूरी साल परेशान रहते हैं और एक भी गलती से उनकी पूरी फसल का नुकसान हो सकता है। एसे मैं किसानों को बुवाई के लिए खाद, बीज की सख्त जरूरत रहती है, इसलिए हाल ही मैं मिली जानकारी के हिसाब से खाद की कीमतों में काफी बदलाव आया है। उर्वरक डीएपी-यूरिया की दरें तेजी से गिरीं है, चेक करें नई प्राइस लिस्ट देखें कितने रुपये सस्ता हुआ खाद।
DAP UREA Price: इतना सस्ता खाद का रेट ये चल रहे डीएपी-यूरिया के नए प्राइस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि इस समय किसानों को खाद की सबसे ज्यादा जरूरत है। ऐसे में आप किसानों को बता दें कि इस साल खाद की कोई कमी नहीं है, और इस साल सरकारी रेट के आधार पर खाद सस्ती मिल रही है हालांकि कुछ दुकानों पर अभी भी गलत तरीके से खाद की होड करके किसानों को मनमानी कीमत पर खाद बेचा जा रहा है पर सरकार ने इसके खिलाफ सख्त निर्देश जारी कीये हुए हैं. डीएपी खाद की एक बोरी की कीमत फिलहाल 1300 रुपये के आस पास चल रही है। जबकि यूरिया खाद की एक बोरी का रेट 250 रुपये से ऊपर चल रहा है।
DAP UREA Price: किसानों के लिए रवि फसल होती है सबसे जरूरी
अक्टूबर और नवंबर का महिना किसान भाइयों के लिए बहुत महातपूर्ण होता है क्योंकि इन महीनों मैं ही रवि फसल की बुवाई चलती है। इन महीनों में किसान कई तरह की फसलें बोते हैं, जैसे चना, मटर, गेहूं, सरसों। इसके लिए उन्हें सबसे पहले खाद, बीज की बहुत जरूरत होती है। वैसे तो सभी जानते हैं कि पिछले साल किसानों को खाद के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा था, किसानों को खाद के लिए लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ा था, तभी उन्हें खाद मिल सका। लेकिन इस साल ऐसी स्थिति नहीं आई और किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हो रही है।
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